What is Integrated Ombudsman Scheme
Integrated Ombudsman Scheme in Hindi- हमारे देश की बैंकिंग प्रणाली से संबन्धित आम ग्राहकों की शिकायतों का निस्तारण करने के लिए अभी तक तीन अलग अलग लोकपाल शिकायतों का निस्तारण करते थे।
सभी लोकपालों का कार्यक्षेत्र परिभाषित होने के बावजूद, आमजन को इसकी सही जानकारी न होने के कारण शिकायतों के निस्तारण में अनावश्यक विलंब होता था।
जिसके कारण बैंकिंग के क्षेत्र में “एक राष्ट्र-एक लोकपाल” की अवधारणा को साकार रूप देने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे।
अंतत 12 नवंबर, 2021 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा “एकीकृत लोकपाल योजना ( Banking Ombudsman Scheme ) का वर्चुअल मोड में शुभारंभ करने के बाद, पूरे देश में बैंकिंग प्रणाली की शिकायतों का निस्तारण अब एक ही लोकपाल करेगा।
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क्या थी अभी तक लोकपाल व्यवस्था
अभी तक, भारत में, भारतीय रिजर्व बैंक के अंतर्गत तीन लोकपालों की व्यवस्था थी जो निम्नवत है:
(i) बैंकिंग लोकपाल योजना (Banking Ombudsman Scheme), 2006;
(ii) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना, 2018; और
(iii) डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, 2019
इन तीनों योजनाओं के अंतर्गत तीन अलग-अलग लोकपाल कार्य करते थे जो अलग-अलग प्रकृति की शिकायतों का निस्तारण करते थे।
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कैसे कार्य करेगी एकीकृत लोकपाल योजना
Integrated Ombudsman Scheme- बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 35ए, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45एल और भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का 51) की धारा 18 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक द्वारा बनाई गई यह एकीकृत लोकपाल योजना ( Integrated Ombudsman Scheme ) बनाई गई है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में कमी होने पर, यदि ग्राहकों की संतुष्टि तक 30 दिन की अवधि के भीतर समाधान नहीं किया गया या विनियमित संस्था द्वारा 30 दिनों की अवधि के भीतर जवाब नहीं दिया गया तो एकीकृत लोकपाल संबंधित ग्राहकों की शिकायतों का नि:शुल्क निस्तारण करेगा।
इस योजना के अंतर्गत, उपरोक्त तीन मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करने के अलावा, उन गैर-अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंकों को भी शामिल किया है, जिनका जमा आकार 50 करोड़ और उससे अधिक है।
क्या हैं एकीकृत लोकपाल योजना की प्रमुख विशेषताएँ
एकीकृत लोकपाल योजना ( Integrated Ombudsman Scheme ) की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
i. अब शिकायतकर्ता को यह पहचानने की आवश्यकता नहीं होगी कि उसे किस योजना के तहत लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए क्योंकि बैंकिंग सेवाओं से संबन्धित सभी प्रकार की सेवाओं का निस्तारण के ही लोकपाल के द्वारा किया जाएगा।
ii. इस योजना की एक प्रमुख विशेषता है कि अब शिकायतों को अब केवल इसलिए अस्वीकृत नहीं किया जाएगा कि कोई शिकायत लोकपाल योजना में सूचीबद्ध आधारों के अंतर्गत शामिल नहीं है
क्योंकि एकीकृत लोकपाल योजना ( Integrated Ombudsman Scheme ) में समस्त सूचीबद्ध आधारों को समाप्त कर उन्हें “सेवा में कमी” के रूप में परिभाषित किया गया है। इस योजना के लागू होने के बाद, प्रत्येक लोकपाल कार्यालय के अधिकार क्षेत्र को स्वतः समाप्त हो गया है।
iii. इस योजना के अंतर्गत, किसी भी भाषा में भौतिक और ईमेल शिकायतों की प्राप्ति और प्रारंभिक प्रोसेसिंग के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक, चंडीगढ़ में एक केंद्रीकृत रिसीप्ट और प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित किया गया है।
iv. इस योजना के अंतर्गत, विनियमित संस्था का प्रतिनिधित्व करने और ग्राहकों द्वारा विनियमित संस्था के विरुद्ध दायर शिकायतों के संबंध में जानकारी प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक या उसके समकक्ष महाप्रबंधक के पद पर प्रधान नोडल अधिकारी की होगी।
v. इस योजना के अंतर्गत, विनियमित संस्था को उन मामलों में अपील करने का अधिकार नहीं होगा जहां लोकपाल द्वारा उसके विरुद्ध संतोषजनक और समय पर सूचना/दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के लिए कोई दंड निर्धारित किया गया हो।
vi. इस योजना के तहत अपीलीय प्राधिकारी भारतीय रिज़र्व बैंक के उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण विभाग के प्रभारी कार्यपालक निदेशक होंगे।
इस योजना में कैसे करनी होगी शिकायत
एकीकृत लोकपाल योजना( Integrated Ombudsman Scheme ) के अंतर्गत आम उपभोक्ता किसी सार्वजनिक, निजी क्षेत्र, या भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित किसी भी बैंकिंग संस्था द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में कमी से संबन्धित अपनी शिकायतें https://cms.rbi.org.in पर ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं।
आप अपने शिकायतें ई-मेल के माध्यम से भी दर्ज करा सकते हैं या भारतीय रिज़र्व बैंक, चौथी मंजिल, सेक्टर 17, चंडीगढ़-160017 में स्थापित ‘केंद्रीकृत रिसीप्ट और प्रोसेसिंग केंद्र’ को निर्धारित प्रारूप में डाक द्वारा भी भेज सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, आम नागरिकों को शिकायत की प्रक्रिया से अवगत कराने और शिकायत दर्ज कराने में सहहयाता के लिए एक संपर्क केंद्र का टोल-फ्री नंबर – 14448 (सुबह 9:30 से शाम 5:15 बजे) भी जारी किया गया है जो हिंदी, अंग्रेजी सहित आठ क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू किया जा रहा है।
शीघ्र ही, इस टोल-फ्री नंबर के अंतर्गत अन्य भारतीय भाषाओं को भी शामिल करने के लिए प्रयास किए जा राते हैं। यह संपर्क केंद्र, आरबीआई के वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र के बारे में जानकारी/स्पष्टीकरण प्रदान करेगा और शिकायत दर्ज करने में शिकायतकर्ताओं का मार्गदर्शन करेगा।
कब की जा सकती है शिकायत
एकीकृत लोकपाल योजना ( Integrated Ombudsman Scheme ) के अंतर्गत, यदि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित किसी भी बैंकिंग संस्था की सेवाओं के संबंध में आपको किसी भी प्रकार की शिकायत है,
तो आपको सबसे पहले संबन्धित बैंक से महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी के समक्ष लिखित रूप से शिकायत दर्ज करानी होगी। यदि आपको उक्त स्तर से अपनी शिकायत का कोई समुचित समाधान नहीं मिलता है,
या आपको शिकायत दर्ज कराने के 30 दिन के बाद भी कोई उत्तर नहीं मिलता है तो आप उक्त शिकायत की प्रति के साथ एकीकृत लोकपाल के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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